छह महीने पहले हुई थी पहली मुलाकात!
321 बुजुर्ग इस अनोखी शादी के बने साक्षी
आगरा। जिस उम्र में रिश्तों की बागड़ोर टूटने लगती है उस उम्र में मुन्नालाल और प्रमिला एक दूसरे के जीवन साथी बने हैं. 66 साल के मुन्नालाल और 57 साल की प्रमिला ने गुरुवार को रामलाल वृद्धाश्रम में एक दूसरे का हाथ थामकर नई शुरुआत की है. जिसका साक्षी पूरा वृद्धावस्था बना. मुन्नालाल पहली बार घोड़ी चढ़े और दूल्हा बने हैं. उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि 66 साल की उम्र में उन्हें जीवन का हमसफ़र मिलेगा. गुरुवार सुबह से ही इस अनोखी शादी की तैयारियां जोरों पर की गई. सुबह से ही वृद्धाश्रम में ढोल बजने लगे. मुन्नालाल घोड़ी पर चढ़े. वृद्धाश्रम के बुजुर्ग बाराती बन जमकर घोड़ी के सामने डांस भी किया. सभी बेहद खुश थे. दोपहर 2 बजे दोनों वर-वधू ने फेरे लिए और आश्रम के 321 बुजुर्ग इस अनोखी शादी के साक्षी बने. सभी बुजुर्ग बराती बने और परिवार की भूमिका निभा रहे हैं. मुन्नालाल और प्रमिला की मुलाकात छह महीने पहले वृद्धाश्रम में हुई थी. धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती हुई और एक-दूसरे का सहारा बनने का फैसला लिया. मुन्नालाल ने आश्रम के संचालक शिव प्रसाद शर्मा को पत्र लिखकर शादी की इच्छा जताई. परमिला के पति का देहांत हो चुका है और उनके बच्चे उन्हें वृद्धाश्रम में छोड़ गए. वहीं, मुन्नालाल भी अपनी 90 वर्षीय मां के साथ आश्रम में रहते हैं, क्योंकि उनके परिवार ने उन्हें घर से निकाल दिया था. मुन्नालाल और प्रमिला ने कहा कि शादी के बाद वह एक दूसरे का ख्याल रखेंगे, सहारा बनेंगे. आश्रम में रहकर ही आगे की जिंदगी गुजारेंगे और मां की सेवा करेंगे. समाज की चिंता नहीं है कि समाज क्या कहेगा ? अधिकतर बुजुर्ग अपना जीवन अकेलेपन में जीते है. उनका कोई साथी नहीं होता. बच्चे भी उन्हें छोड़ देते हैं. इस शादी से पूरा वृद्धाश्रम खुशी से झूम उठा है।