एजेंसी। चीन में कोहराम मचा रहे ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस (एचएमपीवी) की भारत में भी एंट्री हो गई है। सोमवार (6) जनवरी को देश में इसके तीन मामले सामने आए। कर्नाटक के बेंगलुरु में दो और गुजरात में एक मामला सामने आया हैं। इंडियन काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने एचएमपीवी के दो मामले सामने आने की पुष्टि की है। वहीं, गुजरात के बच्चे के संक्रमित होने की जानकारी राज्य हेल्थ डिपार्टमेंट ने दी है। आईसीएमआर ने सोमवार को कहा कि बेंगलुरु में 8 महीने का एक बच्चा और 3 महीने की एक बच्चीएचएमपीवी वायरस से संक्रमित मिली है। दोनों मामले बेंगलुरु के प्राइवेट अस्पतालों में सामने आए हैं। एक मामला जहां बैपटिस्ट अस्पताल का है, वहीं दूसरा मामला एक दूसरे प्राइवेट अस्पताल का है। वहीं गुजरात में भी एक बच्चे के संक्रमित होने की जानकारी मिली है। इंडियन काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च ने सोमवार को कहा कि कर्नाटक में(एचएमपीवी) के दो मामले सामने आए हैं। तीन महीने की बच्ची और आठ महीने के बच्चे संक्रमित पाए गए हैं। दोनों बच्चों को ब्रॉन्कोप न्यूमोनिया होने पर अस्पताल में भर्ती किया गया था। जांच के बाद एचएमपीवी संक्रमण की पुष्टि हुई। अच्छी खबर यह है कि बच्ची को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। वहीं बच्चा भी तेजी से स्वस्थ हो रहा है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि यह मामले कउटफ की रेस्पिरेटरी वायरस पर नियमित निगरानी के तहत पाए गए। खास बात यह है कि इन बच्चों का इंटरनेशनल ट्रैवेल का कोई हिस्ट्री नहीं है। इससे यह यह पता चला है कि वायरस स्थानीय स्तर पर ही फैल रहा है। सरकार ने इस वायरस की बारीकी से निगरानी शुरू कर दी है। एचएमपीवी आमतौर पर सांस संबंधी समस्याओं का कारण बनता है और छोटे बच्चों के लिए गंभीर खतरा हो सकता है। भारत के पहले एचएमपीवी केस पर कर्नाटक हेल्थ डिपार्टमेंट की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। स्टेट हेल्थ डिपार्टमेंट ने कहा है कि बेंगलुरु के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती 8 महीने की बच्चे मेंएचएमपीवी वायरस डिटेक्ट हुआ है। हेल्थ डिपार्टमेंट ने कहा है कि हमारे लैब में इस केस की टेस्टिंग नहीं हुई है, लेकिन प्राइवेट हॉस्पिटल की रिपोर्ट पर शक की कोई वजह नहीं है। फिलहाल एचएमपीवी वायरस से संक्रमित बच्ची की हालत स्थिर बताई जा रही है। डॉक्टरों ने बच्ची के माता-पिता को सतर्क रहने और सावधानी बरतने की सलाह दी है। बता दें कि एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने इस अस्पताल को लेकर एडवाइजरी जारी की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों को एचएमपीवी वायरस के सस्पेक्टेड केसेज के लिए अस्पतालों में आइसोलेशन प्रोटोकॉल लागू करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही अस्पतालों को जरूरी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पतालों को अपने यहां सीरियस मामलों के लिए आॅक्सीजन सपोर्ट तैयार रखने और कॉमन इंफ्लूएंजा में इस्तेमाल होने वाली दवाओं का स्टॉक रखने के लिए भी कहा गया है। शनिवार(4 जनवरी) को स्वास्थ्य मंत्रालय और डीजीएचएस की संयुक्त निगरानी समूह ने इस वायरस को लेकर बैठक बुलाई। बैठक में वायरस की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन , आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ , नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल , आईसीएमआर , और एम्स दिल्ली जैसे प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हुए। इस मीटिंग के बाद एक्सपर्ट ने कहा कि चीन में इन्फ्लुएंजा, आरएसवी , और एचएमपीवी (एचएमपीवी) जैसे सामान्य वायरसों की वजह से मरीजों की तादाद बढ़ रही है। केंद्र सरकार ने शनिवार (4) जनवरी को ऌटढश् वायरस को लेकर प्रतिक्रिया दी। केंद्र सरकार ने कहा कि चीन में एचएमपीवी वायरस के बढ़ते मामलों पर हमारी नजर है। देश में यह वायरस पूरी तरह से काबू में है। इसके साथ ही भारत इस वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। देश में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों (कछक) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (रअफक) के लिए एक मजबूत निगरानी तंत्र मौजूद है। कउटफ और (कऊरढ) के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में फिलहाल ऐसे मामलों में कोई असामान्य बढोत्तरी नहीं देखी जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एहतियात के तौर पर ऌटढश् वायरस की जांच के लिए लैब्स की संख्या बढ़ाने की भी बात कही है। चीन में ऌटढश् वायरस ने हाहाकार मचा दिया है। चीन के वुहान में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अस्पतालों में ऌटढश् वायरस संक्रमित बच्चों की तादाद बढ़ रही है। हालांकि, चीन सरकार अब भी इसे वायरस को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से बच रही है। चीन से कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिनमें अस्पतालों में मरीजों की भीड़ देखी जा रही है। चीन के कई हेल्थ एक्सपर्ट ने देश में तेजी से बढ़ रहे इस वायरस के मामलों को लेकर आगाह किया है। बता दें कि ऌटढश् यानी कि ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस एक फठअ वायरस है। यह आम तौर पर बच्चों और बुजुर्गों को अपनी चपेट में लेता है। खास तौर पर यह ह्यूमन बॉडी के श्वसन तंत्र पर हमला बोलता है। मरीज को सर्दी, जुकाम, खांसी, और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। यह वायरस सर्दियों और वसंत के शुरूआती दिनों में एक्टिव हो जाता है। बाकी समय इस वायरस का इतना प्रभाव नहीं होता। यह वायरस कमजोर इम्यूनिटी वाले बुजुर्गों और बच्चों के लिए जानलेवा भी साबत हो सकता है। ऌटढश् वायरस किसी भी इंफेक्टेड शख्स के खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों के जरिए फैलता है। यह वायरस इनफेक्टेड सतह को छूने और संक्रमित लोगों के आसपास रहने से भी फैल सकता है। इससे बचाव के लिए ठीक वही कदम उठाने जरूरी हैं, जो आम तौर पर कोरोना वायरस से बचाव के लिए अपनाए जाते हैं। संक्रमण से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल करना और संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना बेहद अहम है। चीन में इस वायरस के कारण मास्क की वापसी हो गई है। भारत में भी स्वास्थ्य विभाग ने सावधानी बरतने की सलाह दी है। ऐसे में फिलहाज सावधान रहना और सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है।
भारत में एचएमपीवी वायरस की एंट्री: एक ही दिन में मिले 3 केस
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